कोविड -19
क्या है ?
कोरोना नामक यह एक ऐसा वायरस है जो हमारी सांस लेने की प्रक्रिया
से जुड़ा हुआ है । यह वायरस हमारे गले,
श्वास नली और फेफड़ों पर आक्रमण करता है और उसे बहुत तेज़ी के साथ
निष्क्रिय करना शुरु कर देता है । इसके अलावा यह वायरस ज्यादा खतरनाक इसलिए है
क्योंकि यह व्यक्ति से व्यक्ति,
सतह और हवा के माध्यम से संक्रमित भी होता है । इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को
संक्रमित होने का आभास तब होता है जब यह मनुष्य के शरीर में घर कर जाता है, हालांकि अभी रिकवरी रेट में लगातार
बढ़ोतरी हुई है परंतु इसकी कोई दवा मौजूद नहीं है ।
बात अगर भारत की करें तो स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, बल्कि जैसे-जैसे समय बीत रहा है, यह और विकट और भयंकर होती जा रही है ।
सिर्फ राजधानी दिल्ली में अभी 1
लाख 22 हजार लोग कोरोना से
संक्रमित हैं और यह आंकड़ा लगातार तेज़ी से बढ़ रहा है । हर दिन भारत में लगभग15हजारया इससे अधिक मामले सामने आ रहे हैं
। इस वायरस की चपेट में आने वाला व्यक्ति तेज़ बुखार के साथ-साथ खांसी और सांस की
तकलीफ़ जैसे लक्षणों का अनुभव करता है । कुछ मामलों में पीड़ित रोगी की दस्त और
उल्टी की भी हालत बनी रहती है। इस वायरस का मानव शरीर में रहने का समय14 से 18दिन का होता है और यही चिंता की बात भी है क्योंकि संक्रमित रोगी में
लक्षण तब नज़र आने लगते हैं, जब
कोरोना शरीर में फैल चुका होता है ।
कोरोना वायरस के लक्षण
अब यह वायरसअलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरीके से प्रभावित कर रहा है
। अधिकांश संक्रमित लोगों को अलग तरह के और हल्के लक्षण दिख रहे हैं और फिर एकदम से
उनकी मौत हो रही है, लेकिन यदि
उनको सही समय पर सही उपचार मिल जाए तो वह अस्पताल में भर्ती हुए बिना ठीक हो जाएंगे
सामान्य लक्षण:
1.
बुखार
2.
सूखी खांसी
3.
थकान
हल्के सामान्य लक्षण:
1.
दर्द एवं पीड़ा
2.
गले में खराश
3.
दस्त
4.
आँख आना
5.
सरदर्द
6.
स्वाद या गंध का चला जाना
7.
त्वचा पर एक दाने या उंगलियों या पैर की
उंगलियों को काटना
बेहद गंभीर लक्षण:
1.
सांस लेने में कठिनाई या सांस की तकलीफ
2.
सीने में दर्द या दबाव
3.
बोलने और चलने-फिरने में परेशानी
यदि आपके पास गंभीर लक्षण हैं,
तो तत्काल चिकित्सा की तलाश करें । हमेशा अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य
सुविधा पर जाने से पहले फोन करें । हल्के लक्षण वाले लोग जो अन्यथा स्वस्थ हैं
उन्हें घर पर अपने लक्षणों का प्रबंधन करना चाहिए । लक्षण दिखने में औसतन
5 से 6 दिन लगते हैं जब कोई वायरस से संक्रमित होता है, हालांकि इसमें
14 दिन तक का समय भी लग सकता हैं ।
कोविड -19 से
रोकथाम :
अभी तक इस वायरस से बचाव करने वाली कोई दवा या टीका नहीं बना है, हालाँकि तकनीक और आधुनिक
चिकित्सा के चलते कईं टीके और विशेष उपचार मौजूद हैं। लेकिन कुछ सावधानियों का
ध्यान रखते हुए इस वायरस से रोकथाम कर सकते हैं । यह बात हर किसी को समझ लेनी चाहिए
कि अब कुछ समय तक सभी को सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता का पालन करके ही जीवन जीना
है ।
हाथों को धोते रहना है और यही कोरोना वायरस से बचे रहने का सबसे
उत्तम उपाय है, जब भी कहीं बाहर
से आएं, किसी से हाथ मिलाएं या
किसी के नज़दीक जाएं तो फौरन हाथों को हैंड वॉश,
साबुन से धोएं ।
·
कोशिश करें कि हाथ न मिलाएं, किसी के नज़दीक न जाएं ।
·
हाथों से नमस्ते करें, चाहकर भी हाथ मिलाने से बचें ।
·
अगर छीकें या खांसी आ रही है तो मास्क
लगाना अनिवार्य है ।
·
अगर छींके या खांसी नहीं आ रही तो बेवजह
मास्क न लगाएं ।
·
घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें ।
·
कुछ समय के लिए किसी भी प्रकार की भीड़
में जानें से बचें, जैसे - शादी, शोक सभा,
बाज़ार आदि
कोरोना वायरस का टेस्ट कैसे किया जाता है?
कोविड -19 (कोरोना
वायरस) के टेस्ट में किसी प्रकार का ब्लड टेस्ट नहीं होता है। कोविड-19 टेस्ट में गले की खराश या फिर नाक की
एक स्वैब के जरिए जांच की जाती है। सैंपल लेने के बाद,
नोडल अस्पतालों में तैनात डॉक्टर जांच करते हैं कि क्या
व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है या नहीं? नहीं तो आपको घर पर ही आइसोलेट रहने के
लिए कहा जा सकता है। यदि टेस्ट पॉजिटिव आते हैं,
तो ठीक होने तक संक्रमित व्यक्ति को कम से कम
14 दिनों के लिए क्वारंटाइन यानी एकांत
में रहने की आवश्यकता हो सकती है।