आयुष्मान भारत योजना के मुख्य पहलू निम्नानुसार हैं:-
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योजना में सामाजिक, आर्थिक जाति जनगणना(SECC)
में चिन्हित D-1 से D-7(D-6 को छोड़कर) वंचित श्रेणी के ग्रामीण परिवार सम्मिलित होंगे एवं
चिन्हित व्यवसाय-आधारित शहरी परिवार सम्मिलित रहेंगे। साथ ही कुछ श्रेणियों के
परिवार स्वत: ही समावेशित रहेंगे।
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आयुष्मान भारत मिशन के अंतर्गत प्रधानमंत्री राष्ट्रीय
स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन के तहत् सामाजिक आर्थिक जातिगत गणना (SECC)
में चिन्हाकिंत लाभार्थियों के अतिरिक्त, म.प्र. शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि
खाद्य सुरक्षा में प्रदाय पात्रता पर्ची एवं असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को भी
शामिल किया जावे। आगामी समय में अन्य योजनाओं के हितग्राहियों या समाज के अन्य
वर्गों को भी इस योजना में शामिल किये जाने पर विचार किया जावेगा।
लोक सेवा गांरटी अधिनियम 2010 भारत के
म.प्र. राज्य द्दारा पारित एक विधेयक है । इसके अनुसार लोक सेवा को तय सीमा में काम
को पूरा करना होगा और ऐसा न होने पर जबाबदेही तय कर उन पर 500
से 5000 रुपये तक जुर्माना लगाया जायेगा ।
नागरिको को विधुत, जल के कनेक्शन,
बच्चो को स्कूल में प्रवेश, जन्म,
मृत्यु, निवास, विवाह के प्रमाण
पत्र बनवाने के लिए कार्यालयों के चक्कर नही लगाने होगें । समय सीमा मे नही करने पर
दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी पर 250 रुपये से लेकर
5000 रुपये तक दण्ड की व्यवस्था की गई है ।
प्रदेश में राष्ट्रीय द्ष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम भारत सरकार
की सहायता तथा दिशा-निर्देशो के अनुसार संचालित किया जा रहा है जिसका उद्देश्य समाज
से अंधृत्व की प्रबलता को 1.4 प्रतिशत से 0.3
प्रतिशत लाना है । राष्ट्रीय द्ष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के
अंर्तगत प्रदेश ने मोतियाबिंद आपरेशन शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया है । वर्ष
2014-2015 में 5 लाख मोतियाबिंद
आपरेशन करने का लक्ष्य प्राप्त किया है ।
108 एम्बूलेंस वाहन सुविधा टोल फ्री नम्बर 108
पर काँल करने पर सुविधा का लाभ उठा सक्ते है । यह सेवा निःशुल्क है
। इसके जरिये चिकित्सा पुलिस, आक्सीजन,
दवाई जैसी आपातकालीन सेवायें 24 घंटे
उपलब्ध रहेगी । 108 एम्बूलेंस सेवा हृदय रोग,
तेज पेट दर्द, एलर्जिक रिएक्शन,
नवजात संबंधी समस्या, जानवरो द्दारा काटे
जाने पर, मानसिक अवसाद,
विषकत्तता(पाइजिनिंग), मधुमेह,
गर्भावस्था, प्राकृतिक आपदायें,
श्रवास संबंधित, मौसमी बीमारियों,
लकवा, मिर्गी का दौरा, बेहोशी,
बुखार व संक्रमण, आग से जलना व अन्य
दुर्घटनाएं ।
जय प्रकाश चिकित्सालय भोपाल मे प्रसव हेतु आने वाली गर्भवती महिलओ
को प्रसव उपरांत राज्य सरकार के मंशानुसार प्रत्येक महिलओ को शासन के नियमानुसार
जननी योजना का लाभ प्रदान किया जाता है। जय प्रकाश चिकित्सालय भोपाल मे निम्नानुसार
गर्भवती महिलओ को प्रसव उपरांत जननी योजना का लाभ प्रदान किया गया है जिसमे शहरी
क्षेत्र की धात्री महिला को 1000 रु. एवं ग्रामीण क्षेत्र
की धात्री महिला को 1400 रु. तथा शहरी क्षेत्र की आशा
कार्यकर्ता को 200 रु. तथा ग्रामीण क्षेत्र की आशा
कार्यकर्ता को 350 रु. प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
जननी परिवहन योजना का उद्देश्य संस्थागत प्रसव के लिए गर्भवती
माताओं के लिए परिवहन का लाभ प्रदान करना है । यह पुर्व और प्रसव के बाद की अवधि के
दौरान आपातकालीन परिस्थितियों के भी उन्हे लाभ प्रदान करता है । इसके अलावा दीनदयाल,
अंत्योदन उपचार योजना और बीमार शिशुओ के पात्र लाभार्थियों को भी
योजना के तहत उनके आकस्मिक चिकित्सा उपचार के लिए परिवहन सुविधा से लाभांवित होगा ।
जननी परिवहन योजना के लिए प्रयोग की जाने वाले वाहनो सरकारी अस्तपतालों,
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो, प्राथमिक
स्वास्थ्य केंद्रो या संबंधित क्षेत्रों के किसी भी अन्य उपयुक्त स्थानो पर उपलब्ध
होगी ।परिवहन के लिये 108 द्वारा संचलित एम्बुलेंस का उपयोग
भी किया जा सकता है।
शासकीय श्री दादाजी धूनिवाले शासकीय जिला चिकित्सालय खंडवा मे कुत्ते से काटे हुए मरीजो को वैकसीन
चिकित्सक से परामर्श अनुसार निशुल्क इंजेक्सन लगाये जाने का क्रेंद्र स्थपित किया
गया है। जहा पर मरीज ए आर बी के इंजेक्सन लगवाते है। यह टीके दवा वितरण कक्ष के
सामने इंजेक्सन रुम में लगाए जाते है।
मुख्य मंत्री बाल हृदय योजना के अंतर्गत शासन द्वारा प्रदेश एवं
प्रदेश के बाहर चिन्हित अस्तपतालो में 0 से 14
वर्ष के बच्चो के इलाज हेतु रु. 1 लाख तक
की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। यह सुविधा ए.पी.एल. एवं बी.एल.एल. दोनो के लिये
है।